दो लफ्ज़ो में आज, मेरी उनसे बात हुई,
प्यार से पहली आज, मेरी मुलाक़ात हुई !
छलक उठे खाव्हिशो के पह्माने,
लगी मेरी आहे भी शर्माने,
जैसे शादी से पहले, बिधाई की रात हुई,
प्यार से पहली आज, मेरी मुलाक़ात हुई !
तस्वुर में मेरा उसका आशिया था,
हर मौसम का रंग वहां नया था,
उसकी धड़कने जैसे, मेरी धडकनों के साथ हुई,
प्यार से पहली आज, मेरी मुलाक़ात हुई !
पीना उस रात को आहिस्ता आहिस्ता,
छूना मेरी सांसे भी आहिस्ता आहिस्ता,
लगे जैसे प्यार के मौसम में, प्यार की बरसात हुई,
आज मेरी उनसे पहली मुलाक़ात हुई !