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Fun Shun Junction => Shayari => Topic started by: deep on June 30, 2012, 10:04:37 PM

Title: मेरे जिगर में उतारने का
Post by: deep on June 30, 2012, 10:04:37 PM
वो दीवारें वो तकिया वो मेज वो कलम ने,
 तेरे जाने के बाद, ग़र सहारा न दिया होता,
 तो आज इस कागज़ के टुकड़े पर,
 यूं एक नज़्म ने जन्म न लिया होता..
 हर शब् में रोते रहने का, सबब न जानने वाले,
 ये आंसू यूं बेघर न होते, अगर नासूर,
 जो बन गया वोह ज़ख्म न दिया होता..
 लोग यूं न मुझे दीवाना कहते, पागल समझते,
 मेरी ज़िन्दगी में तेरे लौट आने का,
 ग़र तूने भरम न दिया होता...